वैवाहिक गुण मिलान को लेकर लोगो बहोत गलत फेमिया है. गुण मिलान दर अस्सल बहोत ही विस्तार से किया जाता है. लेकीन आजकल बहोत से ज्योतिष और लोग बस सॉफ्टवेअर मे जन्म तारीख, समय, जन्म स्थल दालके बस गुण मिला लेते है जो की बहोत ही गलत है.
उत्तर और दक्षिण भारत मे अष्टकूट और दशकुट मिलान पद्धती प्रचलित है, दोनो पद्धती एकदम प्राथमिक स्थर् पर कुंडली मिलान कर्ती है, इस्मे सिर्फ गुण देखे जाते है पर यह सिर्फ २५% का गुण मिलान होता है, बाकी ७५% गुण मिलान के लिये और बहोत कुछ देखना पडता है.
वैवाहिक गुण मिलान कैसे किया जाता है?
- वधू और वर की कुंडली मे वैवाहिक सुख हैं या नाही?
- संतान सुख हैं या नाही?
- लंबी आयु का योग हैं या नाही?
- कोई जानलेवा बिमारी तो नाही होगी ?
- आर्थिक तौर से कुंडली कैसी है ?
- आने वाली महादशा अंतर्दशा कैसी होंगी?
- कुंडली मे तलाक के योग हैं क्या?
- दोनो कुंडली के ग्रह एक दुसरे के कुंडली मे शुभ स्थान मे पडते हैं या अशुभ स्थान मे?
- मंगल दोष कितना नुकसान कर सकता हैं ?
- दोनो कुंडली मे ग्रह मिलान कैसा है?
इतना सब देखने समझने के बाद कोई नातिजे पे पहुंचा जा सकता है. कभी कभी दोष होने के बावजूद उपाय से काम हो सकता है, पर कुछ कुंडली जहा कोई मेल नाही होता उन्मे उपाय करके भी कुछ नहीं किया जा सकता. प्रारब्ध कित्ना अटल हैं ये तो सिर्फ एक अच्छा ज्योतिष ही समझ सकता है.
मांगलिक दोष और कुंडली मिलान
मांगलिक दोष सब के लिये एक जैसा फल नाही देता, हर किसी के लिये यह उसकी कुंडली के हिसाब से अलग फल देता है. सबको वैधव्य योग और तलाक नही दे सकता, साबके जीवन मे क्लेश नही होता.
तो मांगलिक दोष होने से सबको वैधव्य या तलाक जैसे फल मिलते हैं ?
मंगल दोष की अधिक जानकारी के लिए यह विडिओ जरूर देखे
जब किसी कुंडली मे सप्तम भाव, उस्का स्वामी, अष्टम भाव, उसका स्वामी जब पाप प्रभाव. मे हो, या पाप ग्रह इन स्थानो विराजमान हो तब निश्चित रूप से खत्रा होता है, नवमांश मे भी यही स्थिती हो और दशा, अंतर्दशा स्वामी भी यही दर्शते हो तब फल स्वरूप ऐसी घटना होती हैं.
रज्जू दोष और गुण मिलान
रज्जु दोष को भी एक प्रकार से ज्यादा ही हवा दीं जाती है, यह दोनो कुंडलियोंमे समान हो तो तकलीफ होती हैं एैसा माना जाता है.
- सिरो रज्जू – यदि लड़का और लड़की दोनों का जन्म मंगल के नक्षत्रो पर हुआ है तो यह रज्जु दोष होता है, यह लडके को नुकसान पहुचाता हैं, वैधव्य दे सकता है ऐसा माना जाता है.
- कंठ रज्जू – यदि लड़का और लड़की दोनों का जन्म चंद्र या राहु के नक्षत्रो पर हुआ है तो यह रज्जु दोष होता है, लडकी के लिये घातक माना जाता हैं.
- पदा रज्जू – यदि लड़का और लड़की दोनों का जन्म बुध या केतु के नक्षत्रो पर हुआ है तो यह रज्जु दोष होता है, यात्रा के समय दंपती को नुकसान दायक माना जाता है.
- नाभि रज्जू – यदि लड़का और लड़की दोनों का जन्म गुरु या सूर्य के नक्षत्रो पर हुआ है तो यह रज्जु दोष होता है, संतान के लिये नुकसान दायक हैं.
- कटी रज्जू – यदि लड़का और लड़की दोनों का जन्म शुक्र या शनि के नक्षत्रो पर हुआ है तो यह रज्जु दोष होता है, आर्थिक नुकसान पहुंचाता हैं.
रज्जु दोष की अधिक जानकारी के लिए मेरा यह विडिओ जरूर देखे.
वास्तव मे ऐसा कुछ नहीं होता जब तक आपके कुंडली मे ऐसे योग ना बनते हो, सिर्फ इतने से दोष होने से किसिको वैधव्य नही आ सकता, किसिका तलाक नही हो सकता. इस्लीये आधी अधुरी कुंडली मिलान करने के चक्कर मे ना पडे, अच्छे ज्योतिष का मार्गदर्शन ले, पैसा तो लगेगा लेकीन आगे होने वाली तकलीफ से और शायद लाखो करोडो के नुकसान से भी बाच जाओ.
गुण मिलान कैसे करें
गुण मिलान मे दोनो की कुंडली को पहले अलग अलग देखा जाता है, उसका पूरा अभ्यास किया जाता है, जातक का स्वभाव, उसकी आयु, उसके चाल चलन, आर्थिक स्थिती, वैवाहिक सुख, संतान सुख, पारिवारिक सुख, आने वाले दशा अंतर्दशा का होने वाला असर इतना सब देख ने के बाद तस्सली करके फिर दोंनो कुंडलियो को मिलया जाता है, एक के ग्रह दुसरें के लिये कैसे है इतना देखने के बाद रिष्टा आगे बढांना चाहिए या नहीं ये काहा जा सकता है.
उम्मिद है आपको वैवाहिक गुण मिलान पर आधारित यह लेख अच्छा लगा हो, यदी आप अपनी जन्म कुंडली मिलवाना चाहते है तो नीचे दिए गये फॉर्म द्वारा मुझसे संपर्क करे .
।। श्री कृष्णार्पणनमस्तु ।।